उत्तराखंड में शराब दुकानों के आवंटन का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने हटायी रोक – Polkhol

उत्तराखंड में शराब दुकानों के आवंटन का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने हटायी रोक

नैनीताल।  नये वित्तीय वर्ष के लिये शराब की दुकानों के आवंटन के मामले में उत्तराखंड सरकार को शुक्रवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब उच्च न्यायालय ने आवंटन प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने के साथ ही याचिका निस्तारित कर दी।

सरकार की ओर से आज सुबह मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ के समक्ष इस मामले को अर्जेसी के आधार पर मेंशन किया गया। इसके साथ ही अदालत के पुराने आदेश में संशोधन के लिये प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। अदालत ने सरकार के अनुरोध को सुनवाई के लिये स्वीकार कर लिया।

सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि सरकार की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है तथा 345 दुकानों का नवीनीकरण कर लिया गया है। इनका नवीनीकरण आदेश अदालत के स्थगनादेश के चलते जारी नहीं किया जा सका है। यह भी कहा गया कि प्रदेश की 283 दुकानों का लाटरी के माध्यम से आवंटन किया जा रहा है। लाटरी प्रक्रिया के लिये सरकार ने पांच दिन का समय बढ़ा दिया है। सरकार अब पांच अप्रैल को दुकानों का आवंटन करेगी। सरकार की ओर से आगे बताया गया कि दुकानों का प्रति महीने की गारंटी मूल्य (एमएमजीडी) एवं प्र्रति बोतल मूल्य भी तय कर दिया गया है।

सरकार की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि अदालत के आदेश से सरकार को प्रतिदिन दस करोड़ का नुकसान होगा। अंत में अदालत ने पाया कि सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रह गयी हैै। इसके बाद अदालत ने अपने 29 मार्च के आदेश को संशोधित करते हुए दुकानों की आवंटन प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा लिया। साथ ही याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया।

गौरतलब है कि कुछ शराब व्यवसाइयों की ओर से याचिका दायर कर सरकार के शराब की दुकानों के आवंटन को चुनौती दी गयी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सरकार इस मामले में जल्दबाजी कर रही है। सरकार की ओर से दुकानों का एमएमजीडी व प्रति बोतल मूल्य तय नहीं किया गया है। न्यायालय ने 29 मार्च को दुकानों की आवंटन प्रक्रिया पर अगली तिथि 13 अप्रैल तक रोक लगा दी थी और सरकार से जवाब तलब किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *