असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर पहुंचा देहरादून – Polkhol

असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर पहुंचा देहरादून

लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए राजावाला-सेलाकुई निवासी असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी (34) ने करीब आठ दिन पहले शहीद टीकम सिंह ने फोन पर पत्नी को बताया था कि एक सीक्रेट मिशन पर जा रहे हैं। लौटकर बात करेंगे। कौन जानता था कि होनी को कुछ और ही मंजूर हैं और टीकम सिंह कभी लौट कर नहीं आएंगे।

शहीद के पिता राजेंद्र सिंह नेगी टीकम सिंह को याद कर फफक पड़ते हैं। कहते हैं कि बीते फरवरी माह को टीकम सरकारी काम से आए हुए थे। इस दौरान एक दिन वे घर पर रूके। करीब आठ दिन पूर्व बेटे से फोन पर बात हुई थी। बेटे ने बहु दीप्ति को बताया था कि वे किसी सीक्रेट मिशन पर जा रहे हैं, जिसमें जोखिम भी है।

लौट कर बात करूंगा। दो तीन दिन से उनका टीकम सिंह से कोई संपर्क नहीं हो सका था। बीते सोमवार को आईटीबीपी के अधिकारियों से उन्हें बेटे के शहीद होने की खबर मिली। आईटीबीपी के एडीजी मनोज रावत और आईपीएस संजय गुंजियाल ने बताया कि टीकम सिंह नेगी बहुत ही जांबाज अधिकारी था। आईटीबीपी में उसके बहादुरी के चर्चे थे।

लेह लद्दाख में शहीद हुई आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी के दादा स्वर्गीय सुंदर सिंह नेगी फौज में थे। वे हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

पिता राजेंद्र सिंह नेगी भी फौज में रहे। वे सूबेदार मेजर के पद से रिटायर्ड हुए थे। उन्होंने 28 साल देश की सेवा की थी।
इसके बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) चेन्नई में बतौर इंस्ट्रक्टर काम किया। इसके बाद उनकी तैनाती लेह लद्दाख में हो गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *