संस्कृत विभाग की भूमि होगी कब्जा मुक्तः डॉ. रावत – Polkhol

संस्कृत विभाग की भूमि होगी कब्जा मुक्तः डॉ. रावत

देहरादून। उत्तराखंड संस्कृत विभाग को देहरादून शहर के ब्रह्माखाला में आवंटित 2.38 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जाधरियों से मुक्त करा कर, विभाग को वापस दिलाने के लिये जिला व पुलिस प्रशासन कार्रवाई करेंगे। इसके लिये जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा संस्कृत शिक्षा की नियमावली को एक सप्ताह के भीतर जारी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

डॉ. रावत की अध्यक्षता में सोमवार को विभिन्न बिंदुओं पर हुई संस्कृत विभाग की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि संस्कृत निदेशालय के निर्माण हेतु तहसील देहरादून के सहस्त्रधारा रोड़ पर ब्रह्मखाला में राज्य सरकार द्वारा लगभग 2.38 हेक्टेयर आवंटित की गई थी। जिस पर कुछ लोगों द्वारा अबैध कब्जे कर मकान बना लिये गये हैं। जिसकी शिकायत विभाग द्वारा पूर्व में भी स्थानीय प्रशासन से की गई थी, लेकिन जिला प्रशासन उक्त भूमि से अवैध कब्जा नहीं हटा पाया।

इस पर मंत्री डॉ. रावत ने जिला अधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल सरकारी भूमि पर से अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाही करने के निर्देश दिये। इसके तत्काल बाद, जिला प्रशासन की ओर से अपर जिला अधिकारी रामजी शरण शर्मा को तहसीलदार एवं अन्य राजस्व कार्मियों के साथ मौके पर जाकर संस्कृत निदेशालय को आंवटित भूमि का चिन्हिकरण करने एवं अवैध कब्जाधारियों को हटाने की कार्रवाही के निर्देश दे दिये गये।

विभागीय मंत्री ने बताया कि वर्षों से लम्बित संस्कृत शिक्षा की नियमावली को कार्मिक एवं न्याय विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर नियमावली जारी करने के निर्देश दिये। इसके अलावा संस्कृत विद्यालयों एव महाविद्यालयों की समस्याओं का भी त्वरित निराकरण के निर्देश विभागीय सचिव को दिये गये हैं। बैठक में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृत भाषा एवं संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई, जिसमें डा. रावत ने अकादमी द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा की।

बैठक में सचिव, संस्कृत शिक्षा, चन्द्रेश कुमार यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, एडीएम देहरादून रामजी शरण शर्मा, उप सचिव संस्कृत शिक्षा प्रदीप मोहन नौटियाल, सहायक निदेशक डा. वाजश्रवा आर्य, डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल, शोध अधिकारी डॉ. हरीश गुरूरानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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