देहरादून।स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट योजना के अंतर्गत उत्तराखंड को केंद्र सरकार से 188 करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान मिला है। इसके लिए शहरी विकास व आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।
बता दें कि उत्तराखंड ने योजना के अंतर्गत छह घटकों की अनुपालन आख्या का प्रस्तुतीकरण भारत सरकार को प्रस्तुत किया था। जिसमें राज्य को अच्छी प्रगति के चलते 188 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि (अतिरिक्त अनुदान) दिया गया है।
मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि छह घटकों में प्रथम घटक मार्डनाइजेशन आफ बिल्डिंग बाइलॉज है। इसके अन्तर्गत एकल आवासीय भवनों के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) का विकल्प आवेदक को दिया गया है। जिसके अनुसार 500 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड क्षेत्रफल में भू आच्छादन की अधिकतम सीमा को समाप्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि द्वितीय घटक टीडीआर के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा अडोप्शन आफ ट्रांसफेरेबल डेवलेपमेंट राइट्स पॉलिसी जो कि भारत सरकार द्वारा मॉडल रूप में प्रेषित की गयी थी, को राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है। इस पॉलिसी के अन्तर्गत डवलपमेन्ट राइट्स को ट्रांसफर किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि तृतीय घटक एनएपी व टीपीएस के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा लोकल एरिया प्लान (एलएपी) के अन्तर्गत आढ़त बाजार व टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) अन्तर्गत थानो क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के सहयोग से कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि चतुर्थ घटक टीओडी के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार की ट्रांजिट ओरियन्टेड डेवलेपमेन्ट (टीओडी) पॉलिसी को प्रभावी कर दिया गया है। इस पॉलिसी के अन्तर्गत शहरों में परागमन उन्मुख विकास जिसमें भूमि का उपयोग और परिवहन की योजना को एकीकृत करना है।
उन्होंने बताया कि पंचम घटक स्पोन्ज सिटी के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा 19 वॉटर बॉडीज को पुनरोत्थान कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि छठा घटक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में टैक्स को समाप्त किया जाना के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा टैक्स को समाप्त कर कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सभी छह घटकों पर शहरी विकास और आवास विभाग के संयुक्त प्रयासों ने भारत सरकार ने अच्छी प्रगति राज्य में पाई है, जिसके चलते राज्य को 188 करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया गया है।