नैनीताल l। उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए प्रदेश सरकार का चौबीस घंटे के अदंर जवाब-तलब किया है।
हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से जनहित याचिका के माध्यम से लोकायुक्त के मामले को चुनौती दी गयी है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में इस मामले में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार की ओर से इस मामले में आज तक जवाब पेश नहीं किया गया है। सरकार इस मामले को लटकाना चाहती है।
अदालत ने पिछली सुनवाई को सरकार से लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा था। अदालत ने सरकार से पूछा था कि वह बताये कि लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर क्या कदम उठाये गये हैं।
साथ ही लोकायुक्त कार्यालय पर मार्च, 2023 तक कितना खर्च हो चुका है। इस संबंध में भी विस्तृत ब्योरा भी उपलब्ध कराने को कहा था। अदालत ने इस मामले में सख्त रूख अख्तियार करते हुए सरकार से चौबीस घंटे के अदंर जवाब पेश करने को कहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से वर्ष 2021 में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि प्रदेश सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर रही है जिससे प्रदेश में सामने आ रहे घोटालों की निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है। सभी जांच एजेंसियां प्रदेश सरकार के अधीन हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सरकार की ओर से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की जा रही है जबकि लोकायुक्त के कार्यालय के नाम पर हर साल करोड़ों खर्च हो रहे हैं।