जनता / उपभोक्ता परेशान और सीएम, डीएम व इंजीनियर ए सी की ठंडक में नींद में मस्त!
एमडी व चीफ इंजीनियर ने फोन तो उठाया पर एस ई सहित अधिशासी अभियंता गहरी नींद में?
देहरादून। राजधानी दून में स्मार्ट सिटी के नाम पर जो सैकड़ों करोड़ के जन-धन की बर्वादी विगत चार पांच वर्षों से हो रही है उसका तो कहना ही क्या? वह तो अधिकांश इन भ्रष्ट शासकों और प्रशासकों के पेट में समा ही चुका है। राजधानी की जनता के हिस्से में आये केवल बड़े बड़े जगह जगह बिजली के पोल्स पर लाईट वाले बोर्ड और खुली सड़कें टूटी पानी व सीवर की लाईनें तथा जगह जगह ट्रैफिक जाम से झंझावात!
अब तो दून की शांत प्रिय जनता इस स्मार्ट सिटी से त्रस्त आ चुकी है क्योंकि एक ओर भीषण गर्मी और उस पर भी विगत लगभग एक सप्ताह से रोजाना रात को 11-12 बजे से सुबह 8 बजे तक बिजली सप्लाई ठप्प रखने से जहां जनता चीख उठी है वहीं यूपीसीएल (पावर कारपोरेशन) के सम्बंधित क्षेत्र के सहायक अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता व मुख्य अभियंता तक सरकारी निगम द्वारा प्रदत्त फोन भी उठाने और बताने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।
विगत लगभग एक सप्ताह से राजधानी दून के सेन्ट्रल डिवीजन के अधिशासी अभियंता तो मजे से ए सी की ठंडी हवा में सुख चैन की नींद का आनंद लेते हुए सो रहे हैं और जनता / उपभोक्ता भीषण गर्मी में त्राहि माम-त्राहि माम कर रहे हैं। मजेदार बात तो यह है उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग सहित प्रदेश के राजा/ मुख्यमंत्री एवं सचिव के यहां तो वीआईपी लाईन के कारण रोस्टिंग फ्री सप्लाई है और जो बिजली बिलों का बिल अदा करती है तथा जब तब बिजली दरों की बढ़ोतरी और अब नाजायज अन्य वसूलियां विभिन्न नामों पर जो थोपी जा रही हैं को न चाहते हुए विवशतापूर्ण झेलते हुए गर्मी में सड़ रही है।
ज्ञात हो पूरे देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी के कथित कामों के कारण ऊर्जा निगम जब तब बिना किसी पूर्व घोषणा के कभी इस क्षेत्र तो कभी उस क्षेत्र की बिजली आपूर्ति कई- की घंटों तक बंद रखता है। जिससे नगर की जनता अब तंग आ चुकी है। दून की डीएम भी आये दिन स्मार्ट सिटी वाली कार्यदायी संस्था की फटकार लगायी तो देखीं जाती हैं परंतु क्या उस फटकार पर कभी कोई कड़क एक्शन लिया गया है।
मजेदार बात तो यहां यह भी है एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार व जीएम गढ़वाल एम आर आर्या ने तो एक घंटी में फोन काल पिंक कर ली परंतु एस ई टाऊन और अधिशासी अभियन्ता सेन्ट्रल डिवीजन के कानों पर बार बार घंटी की जूं भी नहीं रेंगी और सीएम तो फिर सीएम हैं उन्हें मनोरंजन वाले समारोह से फुर्सत ही कहां है जनता की सुध लेने की! जय हो! धामी की धड़कन और धामी सरकार की!