नैनीताल। समाज कल्याण विभाग के निलम्बित सहायक निदेशक कान्तिराम जोशी के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की पीठ में जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वे निर्दोष हैं और उन पर लगे आरोप निराधार हैं। अदालत ने सरकार से 27 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।
कान्तिराम जोशी पर तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी के रूप में समाज कल्याण विभाग के तहत अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का आरोप है। वर्ष 2019 में टिहरी में उनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया था। साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में दिया गया था। तब से वह जेल में बंद हैं।
निचली अदालत की ओर से भी आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था और जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था।
बताया जा रहा है कि जोशी पर आय से अधिक संपत्ति रखने का भी आरोप है। देहरादून सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की ओर से इस मामले की जांच की जा रही है।