वर्ष 2016 के स्टिंग मामले में सीबीआई की अदालत ने हरीश रावत समेत अन्य चार व्यक्तियों की आवाज के सैंपल लेने के आदेश दिए – Polkhol

वर्ष 2016 के स्टिंग मामले में सीबीआई की अदालत ने हरीश रावत समेत अन्य चार व्यक्तियों की आवाज के सैंपल लेने के आदेश दिए

देहरादून, वर्ष 2016 में हुए स्टिंग ऑपरेशन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत के सीधे निशाने पर अब पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता विजय बहुगुणा हैं। कभी पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर इस मामले में तीखा हमला बोलते रहे हरीश रावत ने अपने स्टिंग की वीडियो क्लिप इंटरनेट मीडिया में जारी की। इसमें स्टिंगकर्ता की बातचीत के आधार पर उन्होंने इशारों में विजय बहुगुणा के साथ उनके पुत्र को भी स्टिंग का सूत्रधार करार दिया और फिर सीबीआई के उनसे पूछताछ नहीं करने पर सवाल उठाकर राजनीति को गरमा दिया है।

हरीश रावत ने बीजेपी पर भी साधा निशाना

हरीश रावत ने कहा कि स्टिंगकर्ता राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र के इस मामले में सम्मिलित होने का जिक्र कर रहा है। दलबदल का जिसे सूत्रधार बताया जा रहा है, सीबीआई ने उस व्यक्ति को स्टिंग प्रकरण में सह अभियुक्त नहीं बनाया। सीबीआई ऐसे व्यक्ति को तो किसी भी तरह अभियुक्त बनाना चाहती है, जिसके सामने सरकार बचाने का कर्तव्य था। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को दिए जा रहे सम्मान को लेकर उन्होंने भाजपा पर भी तंज कसा।

सीबीआई के पास है दो बार की रिकॉर्डिंग

इंटरनेट मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में सीबीआई के उनकी आवाज का परीक्षण करने के मामले में हरीश रावत ने सवाल दागा कि प्रश्न आवाज के परीक्षण का है या आवाज दबाने का है। यह हंसी आने वाली बात है। दो बार उनसे घंटों बात हो चुकी है। सीबीआई के पास उसकी रिकॉर्डिंग है। इस प्रकरण के बहाने उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव का जिक्र भी कर डाला।

नैनीताल-ऊधमसिंह नगर का नहीं जीत पाया विश्वास

हरीश रावत ने कहा कि नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के व्यक्तियों का विश्वास वह कभी जीत नहीं पाए। अलबत्ता, हरिद्वार के प्रति वह कर्मशील भी हैं और सहनशील भी हैं। अभी कुछ दिन पहले जब घर-गांव के व्यक्तियों ने उन्हें लालकुआं में नकार दिया तो हरिद्वार के निवासियों ने उनकी बेटी को चुनाव जिताया। उन्होंने कहा कि विश्वास वह शक्ति है, जिससे उजड़ी दुनिया को भी बसाया जा सकता है। कांग्रेस हरी-भरी धरती है। फिर संघर्ष करना ही लोकतंत्र की आवाज दबाने वालों को उत्तर है।

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