विद्युत उपकरणों के संचालन में लापरवाही करने वाले तीन गिरफ्तार – Polkhol

विद्युत उपकरणों के संचालन में लापरवाही करने वाले तीन गिरफ्तार

चमोली। उत्तराखंड में चमोली पुलिस ने नमामि गंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर हुई भीषण दुर्घटना के मामले में विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

इस भीषण दुर्घटना के मामले में पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि 18 जुलाई की रात्रि को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (नमामि गंगे) चमोली में ड्यूटीरत ऑपरेटर गणेश लाल की करंट लगने से मौत हो गयी थी। उसका शव को 19 जुलाई की सुबह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर सीढियों के पास पड़ा हुआ मिला।

प्रमेंद्र डोबाल ने बताया इसकी सूचना मिलने पर चमोली थाना से चौकी प्रभारी पीपलकोटी उप निरीक्षक प्रदीप रावत, अतिरिक्त उप निरीक्षक रामेश्वर प्रसाद भट्ट, होमगाॅर्ड के जवान गोपाल, हो0गा0 मुकुन्दी लाल, पीआरडी रामचन्द्र पंचायतनामा की कार्यवाही के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे। प्रथम दृष्टया ऑपेरटर की मृत्यु बिजली के करंट लगने के कारण होना प्रतीत हो रहा था। सम्पूर्ण परिसर में करंट फैले होने की आशंका के तहत पुलिस बल द्वारा परिसर में प्रवेश नहीं किया गया। विद्युत उपखण्ड कोठियालसैंण में संविदा पर तैनात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट न होने की पुष्टि करने के पश्चात ही पंचायतनामे की कार्यवाही हेतु उ.नि. प्रदीप रावत द्वारा मय पुलिस बल के साथ एसटीपी परिसर में प्रवेश किया गया। इस दौरान वहां मृतक गणेश के शव को न उठाने व मृतक के परिजनों को तत्काल मुआवजा दिए जाने को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण व स्थानीय निवासी जमा हो गये थे। मौके पर मौजूद पुलिस बल द्वारा लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा था।

इस दौरान लाईनमैन सैन सिंह, सतेन्द्र, गोपाल द्वारा निजमुला-कोठियालसैंण विद्युत लाईन में अल्कापुरी के पास आये फाल्ट को ठीक करने के पश्चात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा महेन्द्र सिंह को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना दी गयी। लेकिन महेन्द्र सिंह द्वारा इस पर कोई सावधानीपूर्वक विचार नहीं किया और फॉल्ट मिलने पर समय 11:12 बजे सब स्टेशन कोठियालसैंण से शटडाउन लिया तथा फॉल्ट ठीक करने पर बिना किसी जांच पडताल के समय लगभग 11:25 बजे शटडाउन वापस ले लिया जिससे एसटीपी प्लांट पर करंट बढ गया। खुली हुयी लाईन एवं चेंज ओवर में धमाके के साथ चारों तरफ करंट फैल गया। जिससे वहां अफरा-तफरी फैल गयी और लोग एक दूसरे पर करंट लगने से गिर गये। जिसके पश्चात लगभग 11:29 बजे पुलिस के हस्तक्षेप से लाईट बंद करायी गयी व घायलों को स्थानीय पुलिस व प्रशासन के द्वारा जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया जिसमें पुलिस अधिकारी प्रदीप रावत व होमगार्ड के तीन जवानों सहित कुल 16 लोगों की मृत्यु हो गयी थी और 11 अन्य घायल हुए।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस प्रकरण पर 20 जुलाई को कोतवाली चमोली पर राजस्व निरीक्षक नीरज स्वरूप द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली चमोली पर मुकदमा अपराध संख्या 29/2023 धारा 304 भादवि तथा 13/31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम 1983 बनाम पवन चमोला पंजीकृत किया गया है। अभियोग की विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली चमोली कुलदीप रावत द्वारा की जा रही है।

अभियोग की गंभीरता को देखते हुए श्री डोबाल ने अभियोग के सफल अनावरण वास्तविक अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए क्षेत्राधिकारी चमोली प्रमोद कुमार शाह के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन कर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों, अनुबंध की शर्तों विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र आदि बिंदुओं पर गहराई से विवेचना करने के निर्देश दिए ।

विवेचना के दौरान विद्युत सुरक्षा विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से वार्ता के बाद एवं निरीक्षण घटनास्थल से इस बात की पुष्टि हुयी कि एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी ज0बी0एम व कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट द्वारा नियुक्त सुपरवाईजर पवन चमोला तथा प्लांट के संचालन को देख रहे जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य तथा ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती और सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा और इस प्रकार पूरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनशैड एवं विद्युत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था जिससे दिनांक 19 जुलाई को करंट लीक होने से जघन्य अपराध मानव वध की घटना घटित हुयी। विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गयी हैं एवं पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त तीन अभियुक्तों को 21 जुलाई को कडी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैंनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है।गिरफ्तार आरोपियों में -पवन चमोला निवासी ग्राम छैकुडा थाना थराली जनपद चमोली (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी)-महेन्द्र सिंह जयपाल सिंह निवासी ग्राम कुहेड थाना व जिला चमोली (लाईनमैन उ0ख0 विद्युत विभाग) -हरदेव लाल आ निवासी इडक जिला उत्तरकाशी (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखण्ड जल संस्थान, गोपेश्वर, चमोली) हैं।

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