नैनीताल। कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ स्टिंग मामले की गुरुवार को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने हरक सिंह रावत को जवाबी हलफनामा दायर करने के निर्देश दिये। इस मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।
इस प्रकरण पर न्यायाधीश रवीन्द्र मैठाणी की पीठ में अाज सुनवाई हुई। पूर्व केबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की ओर से इस मामले जवाबी हलफनामा दायर करने के लिये अदालत से समय की मांग की गयी जिसे अदालत से स्वीकार कर लिया। उन्हें 31 अगस्त तक जवाब जवाब पेश करना है।
श्री रावत की ओर से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है। 2016 में दायर याचिका में उन्होंने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जा रही है। इसलिए ऐसे में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है। कैबिनेट की बैठक की ओर से इसकी संस्तुति की गयी है। उन्होंने एसआईटी जांच की मांग की।
दूसरी ओर हरक सिंह रावत की ओर से भी याचिका दायर कर कहा गया कि जब एक बार सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता है।
फिलहाल सीबीआई की ओर से इस मामले की जांच की जा रही है। सीबीआई ने कहा है कि उसके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। हालांकि अदालत ने हरीश रावत के खिलाफ बिना अदालत की अनुमति के अग्रिम कार्यवाही करने पर 2018 में रोक लगा दी।