नैनीताल। आय से कई गुना अधिक सम्पत्ति के मामले में सतर्कता (विजिलेंस) विभाग के रडार पर आये समाज कल्याण विभाग के पूर्व कपर सचिव राम विलास यादव को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अल्पावधि (शार्ट टर्म) जमानत मंजूरी की है।
न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ में आज यादव के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से कहा गया कि वह गंभीर रूप से बीमार है और उपचार करवाना चाहता है। आरोपी की ओर से अदालत में साक्ष्य के रूप में आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध कराये गये।
सरकार की ओर से आरोपी की जमानत का विरोध किया गया, लेकिन अंत में अदालत ने आरोपी को 20 दिन की शार्ट टर्म जमानत की मंजूरी दी। अधिवक्ता मनीषा भंडारी ने इसकी पुष्टि की है।
गौरतलब है कि यादव आय से कई गुना अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ विजिलेंस की ओर से जांच की जा रही है। उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत हैं।
यादव उत्तर प्रदेश सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वह लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं। उप्र सरकार की सिफारिश पर उत्तराखंड सरकार की ओर से इस मामले की जांच की जा रही है। सतर्कता विभाग की टीम ने उनके उप्र स्थित कई ठिकानों पर छापा मारकर अहम दस्तावेज बरामद किये हैं।