जाति आधारित गणना पर रोक से उच्च न्यायालय का इंकार स्वागतयोग्य : माले – Polkhol

जाति आधारित गणना पर रोक से उच्च न्यायालय का इंकार स्वागतयोग्य : माले

पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राज्य सचिव कुणाल ने पटना उच्च न्यायालय के जाति आधारित गणना को जारी रखने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे सामाजिक न्याय की घोर विरोधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका लगा है।

कुणाल ने कहा कि वह तो चाहते हैं कि बिहार सहित पूरे देश में ही जाति आधारित गणना हो। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि भाजपा शुरू से ही जाति आधारित गणना की विरोधी रही है। उसके लोग इसे रुकवाने के लिए उच्च न्यायालय गए थे, लेकिन आज उच्च न्यायालय ने जाति गणना पर रोक से साफ इन्कार कर दिया।

भाकपा-माले के राज्य सचिव ने कहा कि यह और जरूरी इसलिए हो जाता है कि आज भी हमारे पास 1931 का ही डाटा है, जब देश में जाति गणना हुई थी। उसी आंकड़े के आधार पर सरकारी योजनाएं बनती हैं। दलित-पिछड़ी जातियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं को अद्यतन करने, आरक्षण को तर्कसंगत बनाने तथा सामाजिक स्तर में सुधार के लिए जाति गणना बेहद जरूरी है ताकि हमारे पास सही-सही आंकड़े हो। उन्होंने कहा, “ हम यह भी उम्मीद करते हैं कि अब तक की हुई गणना में जो भी विसंगतियां उभरकर सामने आई हैं, उसे ठीक करने पर सरकार गंभीरता पूर्वक काम करेगी। ”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *