धर्मशाला। हिमाचल के राजस्व, बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बारिश से क्षतिग्रस्त सभी सड़कों तथा पेयजल योजनाओं की त्वरित मरम्मत सुनिश्चित की जाए इस के लिए राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों को आवश्यक फंड उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि जिला में 287 करोड का नुकसान हुआ है।
बुधवार को धर्मशाला के स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में जिला राहत एवं पुनर्वास समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में मानवीय सरोकारों को समर्पित प्रदेश सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्य युद्ध स्तर पर संचालित कर रही है। राहत एवं पुनर्वास कार्यों को तीव्र गति से संचालित किया जा रहा है जिसकी सराहना विश्व बैंक द्वारा भी की गई है।
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में राहत पुनर्वास के कार्यों की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय राहत एवं पुनर्वास समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों के राहत तथा पुनर्वास के कार्यों में तत्परता के साथ सभी विभागीय अधिकारियों को कार्य करना चाहिए, इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं की जाए।
नेगी ने कहा कि मनरेगा के तहत बारिश से क्षतिग्रस्त निजी कार्यों के लिए भी मरम्मत का प्रावधान किया गया है तथा ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को इस बाबत पंचायत स्तर पर लोगों को जानकारी प्रदान करनी चाहिए तथा ज्यादा से ज्यादा सेल्फ मनरेगा के तहत अपू्रवल के लिए भेजें ताकि बारिश से प्रभावित लोगों को लाभांवित किया जा सके। विकास खंड अधिकारियों को भी मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की जानकारी को लेकर पंचायत प्रधानों के साथ बैठकें करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में भारी बारिश से लोक निर्माण विभाग को 83 करोड़ जिसमें 397 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। जलशक्ति विभाग को 146 करोड़ इसमें 571 पेयजल योजनाएं बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं। विद्युत विभाग को 16 करोड़ तथा कृषि विभाग को 34 करोड़ का नुक्सान हुआ है। कृषि विभाग के तहत इंदौरा तथा फतेहपुर में किसानों को सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है जबकि शिक्षा विभाग को आठ करोड़ के करीब नुक्सान का आकलन किया गया है।
राजस्व मंत्री ने चक्की पुल का निर्माण कार्य तत्परता के साथ पूरा करने के निर्देश एनएचएआई के अधिकारियों को दिए गए हैं इसके साथ ही यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग की मरम्मत के लिए एनएचएआई के अधिकारियों को कारगर कदम उठाने के लिए कहा गया है ताकि लोगों को किसी आवागमन में किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं झेलनी पड़ें। उन्होंने कहा कि चक्की पुल को बाढ़ से बचाने के लिए ठोस उपाय किए जाएं ताकि हर वर्ष बारिश में चक्की पुल को यातायात के लिए बंद नहीं करना पड़े।
राजस्व मंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा मानसून सीजन से पहले मनरेगा के तहत नालों तथा नालियों से गाद हटाने के लिए चलाए गए अभियान की सराहना करते हुए कहा कि पानी की निकासी सही होने से बाढ़ इत्यादि के खतरे की आशंका कम हो जाती है। कांगड़ा जिला में मनरेगा के तहत 3097 कार्य किए गए हैं इसके कारण भी कांगड़ा जिला में बारिश से नुक्सान को कम किया जा सका है।
राजस्व मंत्री ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन कमेटियां गठित करना जरूरी हैं तथा इस दिशा में महिला मंडलों, पंचायत प्रतिनिधियों, युवक मंडलों को आपदा मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाए ताकि आपदा के समय राहत तथा पुनर्वास के कार्यों को त्वरित प्रभाव से आरंभ किया जा सके और नुक्सान को भी कम करने में मदद मिल सके।