बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली के एक न्यायालय ने 14 साल पुराने मामले में नकली देसी घी बनाने एक व्यापारी समय पांच लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सभी पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
नकली देसी घी बनाने पर अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार यादव ने गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है साथ ही सभी पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। सरकारी वकील तेजपाल सिंह राघव ने बताया कि नकली देसी घी बनाने मामले में कुल आठ गवाह अदालत में पेश किए। अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार यादव ने अभियुक्त रजनीश और अनुपम को बरी कर दिया। अभियुक्त महेश, योगेंद्र, लोकमन, सत्यप्रकाश और टिन्नी उर्फ सुबोध को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
उन्होंने बताया कि 15 अक्तूबर 2009 बरेली शहर स्थित सुभाषनगर थाना पुलिस ने मोहल्ला सर्वोदय नगर में बालाजी मंदिर पास अनंत सीमेंट एंड प्लाई ट्रेडर्स दुकान के बेसमेंट में छापा मारकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। मौके पर पुलिस ने पाया कि वहां गैस भट्ठी पर चढ़े एल्युमिनियम ड्रम में तरल पदार्थ गर्म किया जा रहा था। फिर ड्रम से निकालकर उसे डिब्बों में भरने के बाद टचिंग मशीन से उस पर पैकिंग चिपकाई जा रही थी। फिर इन डिब्बों को कार्टून (गत्ते के बड़े डिब्बे) में पैकिंग वाले डिब्बों में रख जा रहा था।
पकड़े गए व्यक्तियों में बुलंदशहर डिबाई निवासी महेश, योगेंद्र, लोकमन, सत्यप्रकाश, बरेली में मोहल्ला बिहारीपुर निवासी टिन्नी उर्फ सुबोध शामिल थे। पुलिस के अनुसार, इन पांच के अलावा दो अन्य निवासी सुभाषनगर निवासी रजनीश और नवादा शेखान निवासी अनुपम मौके से भाग निकले। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे नकली देसी घी बनाने के लिए रिफाइंड ऑयल और वनस्पति घी गर्म करके आपस में मिला रहे थे। देसी घी जैसी जैसी खुशबू के लिए टीसीए नामक एक रसायन डालते थे। पुलिस ने मौके से 26.24 क्विंटल नकली देसी घी बरामद किया था।