नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) में व्याप्त अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएयू से जवाब तलब किया है।
देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई। खेल सचिव अभिनव कुमार गुरुवार को वर्चुअली अदालत में पेश हुए।
खेल सचिव ने अदालत को बताया कि सीएयू स्वायत्त इकाई है और प्रदेश सरकार का उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अधीन काम करती है। इसलिए सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।
वहीं सीएयू की ओर से पूर्व महाधिवक्ता बीबीएस नेगी अदालत में पेश हुए। अदालत ने उन्हें 09 अक्टूबर तक याचिका में उठाए गये बिन्दुओं पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
दायर याचिका में कहा गया है कि खिलाड़ियों के चयन में भारी धांधली की जाती है। इस मामले में पदाधिकारियों पर कई आरोप हैं। एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ देश में विभिन्न आपराधिक मामले लंबित हैं। याचिका में एसोसिएशन के चुनाव पर भी अंगुली उठायी गयी हैं। याचिकाकर्ता ने तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अगुवाई में गठित कमेटी से एसोसिएशन की सभी गतिविधियों की जांच कराये जाने की मांग की गयी है।