नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दून विश्वविद्यालय में सामान खरीद में हुई वित्तीय अनियमितता के मामले में प्रदेश सरकार और विवि प्रशासन से छह महीने में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं।
देहरादून निवासी अनु पंत की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि विवि में वर्ष 2014 से 2016 के मध्य फर्नीचर और कम्प्यूटर खरीद में भारी अनियमितता की गयी है।
खरीद में नियमों व प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। मूल्य से अधिक भुगतान किया गया है। आडिट रिपोर्ट और प्रदेश सरकार की ओर से की गयी जांच में इसकी पुष्टि हुई है। प्रमुख सचिव की ओर से विवि को दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
जब विवि और सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो जनहित याचिका दायर करने को मजबूर होना पड़ा है। अंत में अदालत ने सरकार और विवि को निर्देश दिये कि याचिका में उठाये गये बिन्दुओं पर छह सप्ताह के अदंर विस्तृत जवाब पेश करे।