नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी के मातली गाँव में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और ग्रामीणों के बीच रास्ते को लेकर चल रहे विवाद में प्रदेश सरकार और जिलाधिकारी से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने मातली गाँव निवासी रामलाल नौटियाल एवं अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किये।
आईटीबीपी की ओर से आज इस मामले में पेश जवाब में याचिका में लगाये गये आरोपों का खंडन किया गया है। हालांकि राज्य सरकार और जिलाधिकारी की ओर से अभी तक जवाब पेश नहीं किया गया है। इसके बाद अदालत न आईटीबीपी की ओर से दायर जवाबी हलफनामा पर याचिकाकर्ता को प्रति शपथपत्र पेश करने को कहा है। साथ ही राज्य सरकार और जिलाधिकारी से जवाब देने को कहा है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर जनहित में कहा गया है कि आईटीबीपी की ओर ग्रामीणों की भूमि के अधिग्रहण के दौरान तय हुआ था कि मंदिर, स्कूल और घाट का रास्ता बंद नहीं होगा लेकिन आईटीबीपी की ओर से पूरे क्षेत्र की चाहर दीवारी कर दी गयी है जिससे ग्रामीणों का रास्ता बंद हो गया है।
इससे ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं और ग्रामीणों व बच्चों को प्रतिदिन जांच से गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों ने रास्ता खोलने के लिए आईटीबीपी की ओर से दी गयी सहमति के बाद जिला न्यायालय में दायर वाद को वापस ले लिया, लेकिन आज तक ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हो पायी है।