एक ओर डीएम/आर ओ का मतदाता जागरूकता अभियान तो दूसरी ओर मतदाता सूचियों में हेराफेरी
क्या ऐसे ही बनवाईं गयी वोटर लिस्ट : जिम्मेदार कौन?
घर बैठे जब होगा सर्वे व बनाई जायेंगी वोटर लिस्टेड और होगी खाईबाडी तो ऐसे ही होगा काम?
…जब अधिकारी फील्ड में न जाकर आरामगाह में बैठ कर करेंगे नौटंकी तो ऐसे ही होगा काम?
टिहरी लोक सभा चुनाव की मतदाता सूची आपत्तिजनक?
(पोलखोल – तहलका ब्यूरो चीफ सुनील गुप्ता)
देहरादून। जनपद की जिलाधिकारी और रिटर्निंग आफीसर एक ओर जहां अपने पूरे अमले के साथ लोकसभावोटर-लिस्ट-में- चुनाव के मद्देनजर मतदाता जागरूकता अभियान चला रही हैं वहीं दूसरी ओर उन्हीं के अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का एक ऐसा अनोखा मामला प्रकाश में आया है जिसने स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट मतदाताओं को विकलांग और दिव्यांग बना दिया तथा पोलिंग बूथ पर जाकर मतदान न करने वालों की दिब्यांगजन श्रेणी वाली सूची में उनके नाम डाल दिए वह भी एक दो की संख्या में नहीं बल्कि गली और क्षेत्र के अधिकांश मतदाताओं को मतदान केन्द्र पर जाकर मतदान न करने वाला बना दिया।
यह मामला किसी ग्रामीण और दूरस्थ दुर्गम क्षेत्र का नहीं बल्कि राजधानी दून के 20- राजपुर विधानसभा क्षेत्र के लुनिया मोहल्ला बार्ड नम्बर 20 का है जिसमें लगभग पांच-छः दर्जन स्वस्थ मतदाताओं को बीएलओ सहित इस काम पर लगे कर्मचारियों और उनकी रिपोर्ट को मौके पर रैन्डमली चेक न करके आंख बंद कर आरामगाह में बैठ कर हस्ताक्षर कर देने वाले अधिकारियों की लापरवाही प्रकाश में आई है जिससे मतदाताओं में रोष व्याप्त है।
मतदाता सूचियों में इस तरह की गड़बड़ियां और लापरवाही का खामियाजा जहां मतदाताओं को हताश और निराश करेगा वहीं स्वच्छ चुनाव सम्पन्न कराने की प्रक्रिया में बाधक बनने वाला होगा। यहां ऐसी भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं किसी दल विशेष को अनुचित लाभ और हानि पहुंचाने के लिए खाई बाड़ी करके दुष्कृत्य किया गया है और न जाने कितने मतदाताओं के साथ यह खेल खेला गया होगा और इस प्रकार की अनियमितता व गड़बड़ी को चुनाव आयोग कैसे सुधार पायेगा क्योंकि टिहरी लोक सभा क्षेत्र का मतदान पहले चरण में अर्थात 19अप्रैल को होना है तथा अधिसूचना जारी हो चुकी है एवं प्रत्याशियों के नामीनेशन का कार्य चल रहा है।
देखिए मतदासूची और ..…..
देखना यहां गौरतलब होगा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त और रिटर्निंग आफीसर व जिलाधिकारी मैडम इस गड़बड़ी पर क्या कार्यवाही करते हैं और लापरवाह अधिकारियों पर क्या रुख दिखा निष्पक्ष और अधिक मतदान के पर्व को कैसे सफल बनाते हैं? या फिर यूं ही ….?