मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट में फैसला किया गया कि उत्तराखंड के चारों धाम के नाम पर कोई ट्रस्ट नहीं बनेगा. बता दें दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाने को लेकर उठे विवाद के बीच धामी कैबिनेट ने ये निर्णय लिया है. जिसके बाद समूचे संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी को अपना आशीर्वाद दिया है.
बीते गुरुवार को धामी कैबिनेट ने फैसला लिया कि बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के नाम का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा. इसे रोकने के लिए धामी सरकार ने कड़ा कानून बनाने का फैसला किया है। यदि कोई व्यक्ति इन प्रसिद्ध और पवित्र धामों से मिलते-जुलते नामों को लेकर मंदिर या धाम बनाएगा तो सरकार उसपर कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी। धामी कैबिनेट ने धर्मस्व विभाग को जल्द एक प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
धामी कैबिनेट में फैसला लिया गया कि राज्य में स्थित चार धाम एवं अन्य प्रमुख मन्दिरों के मिलते जुलते नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन किया गया तो उक्त के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में इस प्रकार की गतिविधियों से जन सामान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न होने के साथ ही स्थानीय परम्पराओं और धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुंचती है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब राज्य के अन्दर या राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। इससे इस संबंध में उत्पन्न विवाद का भी समाधान हो सकेगा।