उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. निकायों में आरक्षण की सूची जारी होने के बाद इसका खुलकर विरोध हो रहा है. विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के नेता भी इसके विरोध में आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक बार फिर से दोहराया है कि राज्य सरकार निकाय चुनावों में देरी करना चाहती है. यही वजह है कि आरक्षण को लेकर इस तरह का रुख अपनाया गया है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि एससी सीट को लेकर भी सरकार का दोहरा चरित्र सामने आया है. सरकार मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है और बीजेपी की एससी वर्ग को लेकर मानसिकता खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि यह नियम बना दिया गया कि जिन नगर पालिकाओं और महानगर नगर निगमों में जहां 10 हजार से कम एससी की पॉपुलेशन होगी, वहां आरक्षण नहीं लागू होगा.
जबकि, कानून के अनुसार रोस्टर पद्धति के तहत कोई एरिया अगर आरक्षण की परिधि में आ रहा है तो तब भी आरक्षण लागू किया जाएगा, लेकिन सरकार ने निकाय चुनाव में जानबूझकर आरक्षण को लेकर ऐसा कदम उठाया. ताकि, लोग उद्वेलित होकर कोर्ट का रुख करें.
इसके अलावा उन्होंने सवाल उठाया कि सदन ने जब प्रवर समिति को प्रस्ताव भेजा, उसके बाद प्रवर समिति की आई रिपोर्ट को सदन में नियमानुसार पास क्यों नहीं किया गया? लेकिन सरकार को 25 दिसंबर से पहले कोर्ट में हलफनामा देना है, उसी को लेकर सरकार जतन कर रही है और जानबूझकर ऐसे काम कर रही, जिससे लोगों को कोर्ट जाने का मौका मिल जाए.
नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में सरगर्मियां तेज हो गई है. पार्षद पद के प्रत्याशी आवेदन जमा करा कर अपने दावेदारी पेश कर रहे हैं तो वहीं आज कांग्रेस सेवा दल की प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से मुलाकात कर मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी.
दरअसल, निकाय चुनाव को लेकर पहले कांग्रेस पार्टी ने सभी जिलों में जिला प्रभारियों की घोषणा की. उसके बाद जिला प्रभारी ने विधानसभा वार और नगर पंचायत क्षेत्र के हर वार्ड की समीक्षा की. जिला प्रभारी अपनी रिपोर्ट को जल्द प्रदेश नेतृत्व को सौंपने जा रहे हैं. माहरा का कहना है कि निकाय चुनाव को लेकर दावेदारों से दोबारा आवेदन मांगे गए हैं.
इस बीच संगठन की ओर से तीन-तीन वार्डों की जिम्मेदारियां वरिष्ठ नेताओं को दी गई है. इसके अलावा संगठन की ओर से पुराने वर्करों को सक्रिय करने का अभियान भी चलाया गया. उन्होंने बताया कि निकाय चुनावों को लेकर आ रहे आवेदनों पर स्क्रूटनी के बाद चर्चा की जाएगी. पूरे प्रदेश में कांग्रेस यही सिस्टम अपना रही है.