वार्ड प्रत्याशियों के नामांकन की जांच के दौरान नगर निगम में जबरदस्त हंगामा हुआ। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ वार्ड-47 और 49 के कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन पत्र खारिज कराने पर अड़ गए। तो कांग्रेसी बचाव में उतर आए। कांग्रेसियों ने विधायक उमेश शर्मा के खिलाफ नारेबाजी की और कई आरोप लगाए। हालत तनावपूर्ण होने पर पुलिस बल बुलाना पड़ा। देर रात तक हंगामा चला।
मामला तब बिगड़ा जब दोपहर तीन बजे भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ पहुंच गए। उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के सामने आपत्तिकर्ता का वकील होने की बात कहते हुए साक्ष्य उपलब्ध कराए, लेकिन आरओ उनकी बात से सहमत नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को भी मौके पर बुलवा लिया। उनका कहना था कि नगर निगम की संपत्ति पर कब्जा है। नगर निगम भूमि अनुभाग के राहुल कैंथोला भी पहुंच गए और अपनी रिपोर्ट दी। इसी दौरान कांग्रेस नेताओं को पता चला कि विधायक निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में बैठे हैं और नगर निगम के अधिकारियों को बुलवाकर नामांकन खारिज करने का दबाव बना रहे हैं तो मौके पर हंगामा हो गया।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, सूर्यकांत धस्माना, जसविंदर गोगी, लालचंद शर्मा आदि कांग्रेसियों ने हंगामा करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में विधायक प्रीतम ने निर्वाचन अधिकारी से वार्ता की। इस पर आरओ ने नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद विधायक प्रीतम सिंह चले गए, लेकिन अन्य कांग्रेसी वहीं डटे रहे। देर शाम करीब साढ़े छह बजे बाद आरओ ने निर्णय दिया तो दोबारा फिर हंगामा हो गया। वार्ड-49 के प्रत्याशी इलियास अंसारी और उनके पुत्र का नामांकन निरस्त होने पर हंगामा शुरू हो गया।
कांग्रेसी आरओ कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गए। नामांकन पत्र निरस्त होने से क्षुब्ध इलियास अंसारी ने जान देने की बात कहते हुए जमीन में सिर पटकने लगे, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह समझा बुझाकर मामला शांत कराया।