कोविड19 के प्रकोप से पड़ रहे दुष्प्रभाव के चलते एम्स ने की टैली कंसल्टेशन की शुरुआत

कोविड19 के प्रकोप से पड़ रहे दुष्प्रभाव के चलते एम्स ने की टैली कंसल्टेशन की शुरुआत

भय, अवसाद जैसी शिकायतों व नशे की आदत बढ़ने से आत्मघाती व्यवहार के स्तर में वृद्धि के चलते

ऋषिकेश।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने विश्वव्यापी कोविड19 के प्रकोप के मद्देनजर आम लोगों पर पड़ रहे इसके दुष्प्रभाव, भय, अवसाद जैसी शिकायतों व नशे की आदत बढ़ने से आत्मघाती व्यवहार के स्तर में वृद्धि के चलते टेली कंसल्टेशन की शुरुआत की है। जिसमें ऐसे लोगों को कोरोना वायरस के भयावह परिणामों से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे बुरे प्रभावों से सुरक्षा के लिए सुझाव दिए जा रहे हैं। कोविड19 के भय व चुनौतियों से प्रभावित लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी के निर्देश पर संस्थान में टेली कंसल्टेशन शुरू की गई है। संस्थान में मानसिक टेली कंसल्टेशन का संचालन ट्रामा सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. कमर आजम, मनोरोग विभागाध्यक्ष प्रो. रवि गुप्ता, विभाग के संकाय सदस्य डा. अनिद्या दास, ट्रामा सर्जरी विभाग के डा. अजय कुमार व फाउंडेशन के अध्यक्ष आगा मशकूर निजामी की देखरेख में किया जा रहा है। सार्वजनिक मानसिक स्वास्थ्य को कोविड19 के दुष्प्रभावों से राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई इस टेली कंसल्टेशन में अफिफा फाउंडेशन एम्स ऋषिकेश का सहयोग कर रही है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि विश्वव्यापी कोविड19 प्रकोप ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है,जिसके कारण लोगों में भय, चिंता, बेचैनी और घबराहट जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी की दहशत ने सबसे ज्यादा बच्चे, वरिष्ठ नागरिकों के साथ- साथ स्वास्थ्य कर्मियों व अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों पर अपना दुष्प्रभाव डाला है। ऐसे में जिन लोगों ने अपने परिजनों व अन्य निकट सगे संबंधियों को इस बीमारी से ग्रसित होते हुए देखा है अथवा जो लोग राजकीय नियमों के तहत क्वारंटाइन के दौर से गुजरे हैं, जो लोग कोविड19 के चलते हुए लॉकडाउन से भारी आर्थिक नुकसान से दोचार हो रहे हैं, ऐसे तमाम लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। लिहाजा ऐसे लोगों के मन में कई तरह के सवाल घर कर गए हैं। निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि कोविड के दुष्प्रभावों से भयभीत लोगों में अकेलेपन, अवसाद के चलते हानिकारक शराब व नशीली दवाओं के उपयोग की आदत बढ़ रही है,जिससे ग्रसित लोगों में आत्मक्षति, आत्मघाती व्यवहार के स्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। उन्होंने बताया कि टेली कंसल्टेंशन ओपीडी में एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सक लोगों को वीडियो व ऑडियो कॉल के माध्यम से उनकी परेशानियों के निराकरण के लिए लोगों को परामर्श दे रहे हैं, साथ ही चिकित्सकों द्वारा पब्लिक वीडियो के माध्यम से लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है।बताया गया कि ऐसे रिकॉडेड वीडियो को http://aiimsrishikeshtrauma.org/teleconsultation पर क्लिक कर देखा जा सकता है।

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